tag:blogger.com,1999:blog-4798331313195034427.post269968604156670071..comments2023-09-28T06:07:14.371-07:00Comments on मेरी सोच: करवा चौथ : एक सार्थक परिवर्तन !रेखा श्रीवास्तवhttp://www.blogger.com/profile/00465358651648277978noreply@blogger.comBlogger15125tag:blogger.com,1999:blog-4798331313195034427.post-85054794346978690462010-10-27T05:56:19.013-07:002010-10-27T05:56:19.013-07:00परिवर्तन हमेशा सकारात्मक होता है।परिवर्तन हमेशा सकारात्मक होता है।राजेश उत्साहीhttps://www.blogger.com/profile/15973091178517874144noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4798331313195034427.post-63675024147887522232010-10-26T06:27:29.614-07:002010-10-26T06:27:29.614-07:00नहीं रचना, हर पुरुष और हमेशा बुरा हो ऐसा नहीं है. ...नहीं रचना, हर पुरुष और हमेशा बुरा हो ऐसा नहीं है. नहीं तो हम पोस्ट लिखने वाले इस हाल में न होते कि अच्छी अच्छी पोस्ट लिख पाते . पूछ प्रतिशत तो ख़राब होते है लेकिन सभी नहीं. आज का व्रत सभी कर रहे हैं कुछ अच्छे पुरुषों कि वजह से ही न.रेखा श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/00465358651648277978noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4798331313195034427.post-84174397480539878252010-10-26T05:19:11.032-07:002010-10-26T05:19:11.032-07:00चलो कहीं तो किसी ने तो पुरुषों की तारीफ़ में कुछ कह...चलो कहीं तो किसी ने तो पुरुषों की तारीफ़ में कुछ कहा. वर्ना हम सब मिलकर उन्हीं में खोट निकलते हैं. अच्छी बात, अच्छी सोच,पुरूषों को बधाईरचना दीक्षितhttps://www.blogger.com/profile/10298077073448653913noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4798331313195034427.post-81041269689204184952010-10-24T23:25:54.256-07:002010-10-24T23:25:54.256-07:00Di ko karwachouth ki subhkamnayen........:)Di ko karwachouth ki subhkamnayen........:)मुकेश कुमार सिन्हाhttps://www.blogger.com/profile/14131032296544030044noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4798331313195034427.post-37291122452356362852010-10-24T04:32:33.581-07:002010-10-24T04:32:33.581-07:00सच कहा रेखा जी ! अच्छा लगता है ये बदलाव .सच कहा रेखा जी ! अच्छा लगता है ये बदलाव .shikha varshneyhttps://www.blogger.com/profile/07611846269234719146noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4798331313195034427.post-46010484322590782572010-10-23T20:07:04.454-07:002010-10-23T20:07:04.454-07:00आपका आलेख बहुत अच्छा लगा ! जहां धार्मिक व्रत उपवास...आपका आलेख बहुत अच्छा लगा ! जहां धार्मिक व्रत उपवास आत्म संयम और आस्था के पतीक हैं वहीं करवा चौथ के व्रत के साथ भावनात्मक पहलू भी जुड़ा होता है ! प्रेम की भावनाएं पति पत्नी दोनों की ही एक दूसरे से जुडी होती हैं ! इसीलिये आधुनिक दम्पत्तियों में ऐसे उदाहरण देखने को मिल जाते हैं जो मन में अद्भुत सुख और संतोष की सृष्टि करते हैं ! इस तरह एक दूसरे के लिये समर्पित पति पत्नियों को हार्दिक बधाइयां और आशार्वाद ! व्रत उपवास से जुडी मान्यताओं को जहाँ तक निभा सकें अवश्य निभाएं लेकिन स्वास्थ्य की अनदेखी कर लकीर पीटने में कोई समझदारी नहीं !Sadhana Vaidhttps://www.blogger.com/profile/09242428126153386601noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4798331313195034427.post-76331955880108691102010-10-23T18:07:14.392-07:002010-10-23T18:07:14.392-07:00आपने बहुत ठीक कहा समय केसाथ परिवर्तन हो जाने से कु...आपने बहुत ठीक कहा समय केसाथ परिवर्तन हो जाने से कुछ बुरा नहीं होता |हमलोग व्रत रखते हें पर अन्य धर्म वाले नहीं |<br />पर मेरा सोच है अपनी आस्था बनाए रखने में क्या नुक्सान है |जहां परिवर्तन आवश्यक हो कर ही लेना चाहिए क्यूंकि हर समय एकसा नही रहता |<br />अच्छीपोस्ट के लिए बधाई <br />आशाAsha Lata Saxenahttps://www.blogger.com/profile/16407569651427462917noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4798331313195034427.post-88841418522224647712010-10-23T07:48:34.803-07:002010-10-23T07:48:34.803-07:00निर्मला जी,
अपने सही कहा है, इस...निर्मला जी,<br /> अपने सही कहा है, इसमें बच्चों को अपने अनुसार और हमें भी समय के अनुसार सुधार लेन कि जरूरत है. जो परिवर्तन आ रहा है सुखद है. हाँ बहुत सारे लड़के रख रहे हैं इस व्रत को. सुनकर अच्छा लगता है.रेखा श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/00465358651648277978noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4798331313195034427.post-44368549406227000622010-10-23T07:45:29.149-07:002010-10-23T07:45:29.149-07:00राज जी,
हम अभी पूर्वाग्रह से...राज जी,<br /> हम अभी पूर्वाग्रह से मुक्त नहीं हो पाए हैं और वैसे ही व्रत करते हैं जैसे अब तक करते आये हैं. अगर भविष्य में कभी जरूरत पड़ी तो इसको बदल भी सकते हैं . लेकिन नई पीढ़ी के लिए स्वागत है, उन्हें अपने परम्पराओं के साथ उसको परिष्कृत करने का पूरा अधिकार है और फिर अब जीवन शैली और कार्य क्षेत्र भी तो बढ़ चुका है. वैसे सबका सहयोग संबल देता है.रेखा श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/00465358651648277978noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4798331313195034427.post-76469043090989137952010-10-23T06:41:49.076-07:002010-10-23T06:41:49.076-07:00जागरुक करने के लियेअच्छा विषय है|जागरुक करने के लियेअच्छा विषय है|संजय भास्कर https://www.blogger.com/profile/08195795661130888170noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4798331313195034427.post-27569673264706919082010-10-23T06:36:13.446-07:002010-10-23T06:36:13.446-07:00इस नयी पीढ़ी की नयी सोच को नमन.इस नयी पीढ़ी की नयी सोच को नमन.P.N. Subramanianhttps://www.blogger.com/profile/01420464521174227821noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4798331313195034427.post-16164345105342339262010-10-23T06:16:45.940-07:002010-10-23T06:16:45.940-07:00रेखा जी सही कहा आपने। परिवर्तन तो प्रकृ्ति का नियम...रेखा जी सही कहा आपने। परिवर्तन तो प्रकृ्ति का नियम भी है फिर भला रिती रिवाज़ों मे क्यों न हो।ाउर आजकल तो कई लडके भी व्रत रखने लगे हैं। वैसे भी हम लोग हर व्रत को खाने पीने से जोड लेते हैं जब कि व्रत तो कुछ अच्छे संकल्पों का लेना चाहिये। बीमारी मे शरीर को भूखे रह कर कष्ट देना भी तो शास्त्रों मे पाप गिना जाता है। हमे तो शुरू से आदत है कि चाँद निकलने तक पानी भी नही देना मगर अपने बच्चों को हम शाम को दूध आदि दे देते हैं। इसमे कोई बुराई नही। मेरी बेटी को प्रेगनेन्सी मे उसके पति ने मना कर दिया था व्रत रखने से मगर उसने फिर भी रखा मगर शाम को दूध पी लिया। अच्छा विषय है जागरुक करने के लिये। शुभकामनायें अग्रिम बधाई।निर्मला कपिलाhttps://www.blogger.com/profile/11155122415530356473noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4798331313195034427.post-91877974135502648272010-10-23T06:07:11.985-07:002010-10-23T06:07:11.985-07:00आपने बिल्कुल सही कहा आज परिवर्तन आ रहा है और बेहद ...आपने बिल्कुल सही कहा आज परिवर्तन आ रहा है और बेहद सुखद है जो इस ओर इंगित करता है कि आने वाला वक्त खुशहाल होगा…………अब मिथक टूटने लगे हैं मगर साथ ही परम्परा का निर्वाह भी हो रहा है मगर एक समझदारी के साथ्।vandana guptahttps://www.blogger.com/profile/00019337362157598975noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4798331313195034427.post-38032775640935130142010-10-23T05:17:06.951-07:002010-10-23T05:17:06.951-07:00जब हमारी बीबी यह व्रत रखती हे, तो सब मिल कर उस की ...जब हमारी बीबी यह व्रत रखती हे, तो सब मिल कर उस की मदद करते हे, फ़िर शाम चार बजे के करीब, उसे पानी ओर चाय पिला देते हे, फ़िर हम सब (मै ओर बच्चे शाम को उसे पहा्डी पर ले जाते हे ताकि सब से पहले वो चंद्र्मा को देखे ओर जल्द ही खाना भी खाये, अरे हां हम सब टी वी ओर नेट पर समय भी देख लेते हे कि कब चांद निकले, ओर वो भी बिना चांद देखे कुछ नही खाती, कई बार कहा मत रखो... लेकिन उसे मजा आता हे. धन्यवाद इस सुंदर लेख के लियेराज भाटिय़ाhttps://www.blogger.com/profile/10550068457332160511noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4798331313195034427.post-85956670447836861342010-10-23T05:16:00.253-07:002010-10-23T05:16:00.253-07:00अच्छा आलेख . आपको करवा चौथ की अग्रिम शुभकामनायेअच्छा आलेख . आपको करवा चौथ की अग्रिम शुभकामनायेashishhttps://www.blogger.com/profile/07286648819875953296noreply@blogger.com