tag:blogger.com,1999:blog-4798331313195034427.post8057145095795553399..comments2023-09-28T06:07:14.371-07:00Comments on मेरी सोच: परिवार संस्था पर संकट !रेखा श्रीवास्तवhttp://www.blogger.com/profile/00465358651648277978noreply@blogger.comBlogger16125tag:blogger.com,1999:blog-4798331313195034427.post-79278015228898233282011-07-27T02:45:21.103-07:002011-07-27T02:45:21.103-07:00पारस्परिक समझ के साथ तालमेल बिठाना होगा .............पारस्परिक समझ के साथ तालमेल बिठाना होगा ...........................रेखाhttps://www.blogger.com/profile/14478066438617658073noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4798331313195034427.post-78895694988356401562011-04-29T05:00:31.753-07:002011-04-29T05:00:31.753-07:00आपकी चिंता जायज़ है... हमें इस संस्था को बचाना चाह...आपकी चिंता जायज़ है... हमें इस संस्था को बचाना चाहिए...<br /><br />दुनाली पर देखें<br /><a href="http://mydunali.blogspot.com/" rel="nofollow">चलने की ख्वाहिश...</a>Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/13342084356954166189noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4798331313195034427.post-15618317991672204822011-04-27T00:01:45.467-07:002011-04-27T00:01:45.467-07:00वहा वहा क्या कहे आपके हर शब्द के बारे में जितनी आप...वहा वहा क्या कहे आपके हर शब्द के बारे में जितनी आपकी तारीफ की जाये उतनी कम होगी <br />आप मेरे ब्लॉग पे पधारे इस के लिए बहुत बहुत धन्यवाद अपने अपना कीमती वक़्त मेरे लिए निकला इस के लिए आपको बहुत बहुत धन्वाद देना चाहुगा में आपको <br />बस शिकायत है तो १ की आप अभी तक मेरे ब्लॉग में सम्लित नहीं हुए और नहीं आपका मुझे सहयोग प्राप्त हुआ है जिसका मैं हक दर था <br />अब मैं आशा करता हु की आगे मुझे आप शिकायत का मोका नहीं देगे <br />आपका मित्र दिनेश पारीकDinesh pareekhttps://www.blogger.com/profile/00921803810659123076noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4798331313195034427.post-38497902142229030002011-04-27T00:01:44.355-07:002011-04-27T00:01:44.355-07:00वहा वहा क्या कहे आपके हर शब्द के बारे में जितनी आप...वहा वहा क्या कहे आपके हर शब्द के बारे में जितनी आपकी तारीफ की जाये उतनी कम होगी <br />आप मेरे ब्लॉग पे पधारे इस के लिए बहुत बहुत धन्यवाद अपने अपना कीमती वक़्त मेरे लिए निकला इस के लिए आपको बहुत बहुत धन्वाद देना चाहुगा में आपको <br />बस शिकायत है तो १ की आप अभी तक मेरे ब्लॉग में सम्लित नहीं हुए और नहीं आपका मुझे सहयोग प्राप्त हुआ है जिसका मैं हक दर था <br />अब मैं आशा करता हु की आगे मुझे आप शिकायत का मोका नहीं देगे <br />आपका मित्र दिनेश पारीकDinesh pareekhttps://www.blogger.com/profile/00921803810659123076noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4798331313195034427.post-85096073494458879282011-04-27T00:00:31.121-07:002011-04-27T00:00:31.121-07:00वहा वहा क्या कहे आपके हर शब्द के बारे में जितनी आप...वहा वहा क्या कहे आपके हर शब्द के बारे में जितनी आपकी तारीफ की जाये उतनी कम होगी <br />आप मेरे ब्लॉग पे पधारे इस के लिए बहुत बहुत धन्यवाद अपने अपना कीमती वक़्त मेरे लिए निकला इस के लिए आपको बहुत बहुत धन्वाद देना चाहुगा में आपको <br />बस शिकायत है तो १ की आप अभी तक मेरे ब्लॉग में सम्लित नहीं हुए और नहीं आपका मुझे सहयोग प्राप्त हुआ है जिसका मैं हक दर था <br />अब मैं आशा करता हु की आगे मुझे आप शिकायत का मोका नहीं देगे <br />आपका मित्र दिनेश पारीकDinesh pareekhttps://www.blogger.com/profile/00921803810659123076noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4798331313195034427.post-3124889214201337212011-04-27T00:00:30.682-07:002011-04-27T00:00:30.682-07:00वहा वहा क्या कहे आपके हर शब्द के बारे में जितनी आप...वहा वहा क्या कहे आपके हर शब्द के बारे में जितनी आपकी तारीफ की जाये उतनी कम होगी <br />आप मेरे ब्लॉग पे पधारे इस के लिए बहुत बहुत धन्यवाद अपने अपना कीमती वक़्त मेरे लिए निकला इस के लिए आपको बहुत बहुत धन्वाद देना चाहुगा में आपको <br />बस शिकायत है तो १ की आप अभी तक मेरे ब्लॉग में सम्लित नहीं हुए और नहीं आपका मुझे सहयोग प्राप्त हुआ है जिसका मैं हक दर था <br />अब मैं आशा करता हु की आगे मुझे आप शिकायत का मोका नहीं देगे <br />आपका मित्र दिनेश पारीकDinesh pareekhttps://www.blogger.com/profile/00921803810659123076noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4798331313195034427.post-41406146269836625982011-04-24T00:11:13.312-07:002011-04-24T00:11:13.312-07:00आदरणीय रेखा जी नमस्कार बहुत सुन्दर विचार आप के और ...आदरणीय रेखा जी नमस्कार बहुत सुन्दर विचार आप के और एक बहुत ही सार्थक लेख आप का पारिवरिक विघटन पर -आज हमारे सामने ये एक बड़ी चुनौती के रूप में उभर रही है -दो पीढ़ियों के विचारों का तालमेल न होना या पति पत्नी की अलग अलग सोच -पुरुष और नारी की कुछ आज की स्थिति में बदली सोच -अपनी संस्कृति का कुछ क्षीण होना आदि कई कारन हैं -आज हर चीज पर कुछ न कुछ उदारवादी दृष्टिकोण रखना होता है -थोडा लचीलापन हो तो बिना किसी बाहरी संस्था की मदद के बिना भी मसला सुलझ सकता है नहीं तो फिर आप ने जो सुझाया बाहरी संस्था का सहारा -कुल मिलकर परिवार का बने रहना बहुत जरुरी है हमें एक स्वस्थ समाज देने के लिए <br />सिर्फ एक पीढ़ी ही प्रयास करे ऐसा नहीं है दोनों को पहल करनी होगी और अपनी सोच को बदलना होगा क्योंकि परिवार से वे हैं और उनसे ही परिवार है।<br /><br />धन्यवाद <br />सुरेन्द्र कुमार शुक्ल भ्रमर५Surendra shukla" Bhramar"5https://www.blogger.com/profile/11124826694503822672noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4798331313195034427.post-52476265133952215562011-04-20T23:34:22.994-07:002011-04-20T23:34:22.994-07:00दोनों पीढ़ियों में सामंजस्य की भावना हो तभी अच्छी ...दोनों पीढ़ियों में सामंजस्य की भावना हो तभी अच्छी तरह निबाह हो सकता है ..<br />संयुक्त परिवार की अपनी खूबियाँ रही होंगी , मगर आज अधिकांश संयुक्त परिवार में बुजुर्गों की दुर्दशा होते ही देखने को मिलती है ...कभी कभी तो यही लगता है की इससे अच्छा तो वे एकल परिवार में होते , क्योंकि ऐसी स्थिति में पडोसी फिर भी काफी मदद कर देते हैं ...<br />जिस तरह दोनों पक्ष खुश रहे , एक दूसरे पर बोझ या दबाव बने बिना , वही अच्छा है ...चाहे संयुक्त परिवार हो या एकल !वाणी गीतhttps://www.blogger.com/profile/01846470925557893834noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4798331313195034427.post-3343202383051182392011-04-20T07:04:56.321-07:002011-04-20T07:04:56.321-07:00दोनों पीढ़ियों में सामजस्य जरुरी है.परिवार कोई स भ...दोनों पीढ़ियों में सामजस्य जरुरी है.परिवार कोई स भी हो.<br />विचारणीय लेख.shikha varshneyhttps://www.blogger.com/profile/07611846269234719146noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4798331313195034427.post-9428116482736000212011-04-20T04:14:04.238-07:002011-04-20T04:14:04.238-07:00yahi sach hai..!
sochna parega..yahi sach hai..!<br /><br />sochna parega..मुकेश कुमार सिन्हाhttps://www.blogger.com/profile/14131032296544030044noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4798331313195034427.post-71830162347351576312011-04-20T02:22:14.020-07:002011-04-20T02:22:14.020-07:00भाटिया जी,
संयुक्त परिवार ...भाटिया जी,<br /> संयुक्त परिवार कभी बुरे नहीं रहे, हाँ कुछ तो बंधन और कुछ ज्यादतियां होती रही हैं. ये इस लिए कह रही हूँ कि मैंने खुद इसको झेला है और फिर भी आज भी संयुक्त परिवार में रह रही हूँ. सिक्के का एक ही पहलू नहीं देखा जाता है, अगर हममें सहनशीलता और सामंजस्य की भावना है तो फिर बड़ों की भावनाओं और उनके प्रति दायित्व को हम बखूबी निभा सकते हैं. नौकरी करें भी तो फिर दोनों पक्षों को एक दूसरे के साथ सहयोग अपेक्षित है. बच्चों को सुरक्षा और संस्कार घर में ही मिलते हैं. मान अगर बाहर निकल भी जाति है तो भी बच्चे सुरक्षित और संस्कारित होते रहते हैं.रेखा श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/00465358651648277978noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4798331313195034427.post-64911746243220106752011-04-19T11:52:18.497-07:002011-04-19T11:52:18.497-07:00वाह जी एक अति सुंदर विचार संयुक्त परिवार के दोष ओर...वाह जी एक अति सुंदर विचार संयुक्त परिवार के दोष ओर गुणो को दर्शाता, लेकिन संयुक्त परिवार मे दोष कम हे लाभ ज्यादा,गर संयुक्त परिवार हे तो मेरे ख्याल मे नारी को नोकरी की जरुरत ही नही होती, क्योकि हम नोकरी किस लिये करते हे, सुखी जीवन ओर पैसो के लिये( सेवा भाव से कोई नही करता) ओर जब हम कम मैसो मे ही सुखी जीवन जी सकते हे, तो खाम्खा मे दोड धुप किस लिये, बच्चो का बचपन क्यो तबाह करे, क्योकि बच्चे मां ओर दादी से बहुत कुछ सीखते हे, अच्छे संस्कार मां दादी या संयुक्त परिवार से ही मिल सकते हे, किसी संस्था या किराये की दाई या आय़ा से नही, ओर ना हॊ किताबो से.<br />बाकी जब हम संयुक्त परिवार मे रहते हे तो हम सब की डुय्टी बनती हे कि हम सब अपनी अपनी जिम्मेदारी भी इमान दारी से निभाये,राज भाटिय़ाhttps://www.blogger.com/profile/10550068457332160511noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4798331313195034427.post-46084253168412069382011-04-19T10:13:45.591-07:002011-04-19T10:13:45.591-07:00विचारणीय लेख ...कोई भी बात एकतरफा नहीं होती ...दोन...विचारणीय लेख ...कोई भी बात एकतरफा नहीं होती ...दोनों पीढ़ियों को समझना होगा ...अच्छा लेखसंगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4798331313195034427.post-81432499497231510502011-04-19T07:04:37.390-07:002011-04-19T07:04:37.390-07:00चिंतन करने को बाध्य करता लेख..चिंतन करने को बाध्य करता लेख..मीनाक्षीhttps://www.blogger.com/profile/06278779055250811255noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4798331313195034427.post-45879878502500282972011-04-19T06:48:15.103-07:002011-04-19T06:48:15.103-07:00संयुक्त परिवार के अपने गुण दोष होते है लेकिन मुझे ...संयुक्त परिवार के अपने गुण दोष होते है लेकिन मुझे लगता है की गुण ज्यादा होते है . एकांकी परिवार हमारी आत्म उन्मुखी प्रवृति का फल है .ashishhttps://www.blogger.com/profile/07286648819875953296noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4798331313195034427.post-92112673129371503402011-04-19T04:29:08.954-07:002011-04-19T04:29:08.954-07:00आँख खोलने वाला आलेख...आँख खोलने वाला आलेख...अरुण चन्द्र रॉयhttps://www.blogger.com/profile/01508172003645967041noreply@blogger.com