tag:blogger.com,1999:blog-4798331313195034427.post8284637704464598290..comments2023-09-28T06:07:14.371-07:00Comments on मेरी सोच: आदर्शवाद का ढोंग !रेखा श्रीवास्तवhttp://www.blogger.com/profile/00465358651648277978noreply@blogger.comBlogger21125tag:blogger.com,1999:blog-4798331313195034427.post-46299905846562880922011-02-01T01:34:09.630-08:002011-02-01T01:34:09.630-08:00मेरी नई पोस्ट पर आपका स्वागत है !
भाग कर शादी करन...मेरी नई पोस्ट पर आपका स्वागत है !<br /><br />भाग कर शादी करनी हो तो सबसे अच्छा महूरत फरबरी माह मेsmshindi By Sonuhttps://www.blogger.com/profile/02157490730225902218noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4798331313195034427.post-29318500663388839652011-02-01T01:33:58.102-08:002011-02-01T01:33:58.102-08:00आपसे सहमत हैंआपसे सहमत हैंsmshindi By Sonuhttps://www.blogger.com/profile/02157490730225902218noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4798331313195034427.post-44629983644271388132010-12-06T06:48:49.563-08:002010-12-06T06:48:49.563-08:00रेख जी मै आप्के विचारों से पूर्ण रूप से सहमत हूँ ,...रेख जी मै आप्के विचारों से पूर्ण रूप से सहमत हूँ , क्योकि बचपन में अपने विधालय में प्रार्थना में रोज यह कहती थी कि <br />लिस दिश जाति में जन्म लिया , बलिदान उसी पर हो जाये <br />तो जाति शब्द बहुत ही विस्तॄत है, हाँ चंद लोगो ने अपने स्व्वर्थ के लिये इसे संकीर्ण करने की हमेशा ही कोशिश की हैpalashhttps://www.blogger.com/profile/09020412180834601052noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4798331313195034427.post-12777127256933821272010-11-19T19:45:32.347-08:002010-11-19T19:45:32.347-08:00असल मायने तो व्यक्तित्व ही रखता है। जाति वर्ग और स...असल मायने तो व्यक्तित्व ही रखता है। जाति वर्ग और सम्प्रदायों में बंटी सोच संकीर्णता की परिचायक है और यह भारतीय समाज की प्रगति की गति को धीमी कर रही है।हरीश प्रकाश गुप्तhttps://www.blogger.com/profile/18188395734198628590noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4798331313195034427.post-71723342042406723082010-11-19T05:28:47.056-08:002010-11-19T05:28:47.056-08:005/10
विचारणीय मुद्दा
भारत जैसे देश में जहाँ बेह...5/10 <br /><br />विचारणीय मुद्दा <br />भारत जैसे देश में जहाँ बेहिसाब जातिगत संकीर्णताएँ हों और सामाजिक समरसता में अवरोधक उत्पन्न करती हों. यहाँ बहुत ही जातियां अहंकार के साथ ही जन्म लेती हैं. ऐसे में कहीं से तो शुरुआत करनी पड़ेगी न ? <br /><br />हमारे दादा-परदादा ने क्या किया, इससे क्या मतलब ? नाम के साथ जाति लगाने का कोई मतलब नहीं. इस मसले पर बुद्धिजीवी वर्ग को पहल करने की सख्त जरूरत है.उस्ताद जीhttps://www.blogger.com/profile/03230688096212551393noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4798331313195034427.post-27791719602817724242010-11-17T22:46:55.178-08:002010-11-17T22:46:55.178-08:00सब कुछ अपनी सोच पर निर्भर करता है ... मुझे लगता है...सब कुछ अपनी सोच पर निर्भर करता है ... मुझे लगता है चरित्र का निर्माण होना जरूरी है ....दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4798331313195034427.post-37476257914458805912010-11-17T22:15:57.739-08:002010-11-17T22:15:57.739-08:00mem pranam !
ek vicharniya aalekh hai , magar es m...mem pranam !<br />ek vicharniya aalekh hai , magar es me se kitne insaan h sakte hai ki jaati gat bhawnaon se uppar utha hua hai yaa apne dharm se ? shayad ungaliyon pe ho sakte hai . prerna daayak hai aalekh ki aise insaan sab le .<br />badhai ,सुनील गज्जाणीhttps://www.blogger.com/profile/12512294322018610863noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4798331313195034427.post-71391502684156506122010-11-17T19:42:41.533-08:002010-11-17T19:42:41.533-08:00insaan ki soch hi uski jaati hai.jitni achhi soch....insaan ki soch hi uski jaati hai.jitni achhi soch.wahi uski jaati hai.hamare vyaktitva ka jaati se koi lena dena nahin hai humjo dikhte hain wahi hon.kathni aur karni main phark na ho wahi hamari vastvik jaati hai.veenahttps://www.blogger.com/profile/00619020232182875576noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4798331313195034427.post-24423736317073794042010-11-17T08:59:15.061-08:002010-11-17T08:59:15.061-08:00विचारणीय पोस्ट पर ये भी कटु सत्य है कि हम क्यों नह...विचारणीय पोस्ट पर ये भी कटु सत्य है कि हम क्यों नहीं शुरुआत करते अपने नाम से जाती हटाने की ? <br />ना रहेगा बांस और न बजेगी बांसुरी ! <br /><br />शायद वो महाशय कह रहे होंगे कि विचार तो सब देते हैं - why dont you act !!राम त्यागीhttps://www.blogger.com/profile/05351604129972671967noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4798331313195034427.post-70426600068594944402010-11-17T06:11:45.491-08:002010-11-17T06:11:45.491-08:00विचार मजबूत होने चैये जाती सूचक लगाने से क्या फरक ...विचार मजबूत होने चैये जाती सूचक लगाने से क्या फरक पड़ता है .आपसे सहमत.shikha varshneyhttps://www.blogger.com/profile/07611846269234719146noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4798331313195034427.post-35921041952420536992010-11-17T06:10:00.969-08:002010-11-17T06:10:00.969-08:00आपसे सहमत हैं.आपसे सहमत हैं.P.N. Subramanianhttps://www.blogger.com/profile/01420464521174227821noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4798331313195034427.post-1789392024222027592010-11-17T04:33:17.196-08:002010-11-17T04:33:17.196-08:00विचारणीय पोस्ट। । आपसे सहमत हूँ। नाम के पीछे जाति...विचारणीय पोस्ट। । आपसे सहमत हूँ। नाम के पीछे जाति लगाने का अर्थ ये नही कि हम जाति पाति के भेद भाव को मानते हैं। गाँधी जी का उदाहरण इसका जवाब है। शुभकामनायें।निर्मला कपिलाhttps://www.blogger.com/profile/11155122415530356473noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4798331313195034427.post-20929379858728705532010-11-17T04:33:12.139-08:002010-11-17T04:33:12.139-08:00विचारणीय पोस्ट। । आपसे सहमत हूँ। नाम के पीछे जाति...विचारणीय पोस्ट। । आपसे सहमत हूँ। नाम के पीछे जाति लगाने का अर्थ ये नही कि हम जाति पाति के भेद भाव को मानते हैं। गाँधी जी का उदाहरण इसका जवाब है। शुभकामनायें।निर्मला कपिलाhttps://www.blogger.com/profile/11155122415530356473noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4798331313195034427.post-71460429239337818062010-11-17T03:39:11.616-08:002010-11-17T03:39:11.616-08:00बात तो कुछ हद तक सही है। आपका मन तो किसी को दिखता ...बात तो कुछ हद तक सही है। आपका मन तो किसी को दिखता नहीं है और विचार जब तक आप जाहिर न करें पता नहीं चलते तो ऐसे में यह एक अच्छा तरीका है कि आप अपने नाम के साथ ऐसा कोई शब्द न लगाएं जो आपको किसी जातिविशेष के दायरे से जोड़ता हो। मेरे अपने नाम के आगे उत्साही साहित्यिक उपनाम है। मैंने अपना जाति सूचक नाम केवल सरकारी दस्तावेज के लिए रखा है। क्योंकि वे स्कूल प्रमाणपत्र के हिसाब से चलते हैं। पर यह मेरा अपना निजी निर्णय है।और इस बात को 30 से भी ज्यादा साल हो गए हैं। बच्चों के नाम के साथ जाति सूचक शब्द अभी तो चल रहे हैं क्योंकि वे पढ़ रहे हैं। अपनी निजी जिंदगी में वे तय करेंगे। पर हां मैं इसे आदर्शवाद या उसका ढोंग तो नहीं कहूंगा।राजेश उत्साहीhttps://www.blogger.com/profile/15973091178517874144noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4798331313195034427.post-28097883811729516952010-11-17T02:55:06.526-08:002010-11-17T02:55:06.526-08:00अजय जी द्वारा वर्षों पूर्व लिया गया निर्णय प्रेरक ...अजय जी द्वारा वर्षों पूर्व लिया गया निर्णय प्रेरक है...समय आ गया है जब हम अपने पहले नाम से जाने जाएँ और जाती गत नाम का प्रयोग निषेध कर दें...उस दिन इंसान का इंसान से भेदभाव समाप्त हो जायेगा...आइडिया वाला विज्ञापन इसी बात की तस्कीद करता है जिसमें लोगों के नाम मोबाइल नम्बर जैसे रखे गए हैं ताकि गतिगत दंगा ही न हो...<br /><br />नीरजनीरज गोस्वामीhttps://www.blogger.com/profile/07783169049273015154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4798331313195034427.post-75155697222177641832010-11-17T02:12:50.383-08:002010-11-17T02:12:50.383-08:00नाम में क्या रक्खा है, जरूरी है मन वचन कर्म से ए...नाम में क्या रक्खा है, जरूरी है मन वचन कर्म से एक होना। जो हम अंदर हैं वही बाहर दिखें, किसी प्रकार का भ्रम न रहे, यह काफी है।तिलक राज कपूरhttps://www.blogger.com/profile/03900942218081084081noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4798331313195034427.post-43720838559989217762010-11-17T02:09:00.183-08:002010-11-17T02:09:00.183-08:00@ देवी जी , 'मेरी सोच' के हिसाब से मैंने आ...@ देवी जी , 'मेरी सोच' के हिसाब से मैंने आपका ध्यान आकृष्ट किया था ।<br />आपने यथोचित ध्यान दिया आभार <br />इससे आपकी संवेदनशीलता और गंभीरता परिलक्षित होती है ।<br />अपनी सोच और अपने कर्म को मनुष्य स्वयं ही ठीक से तौल सकता है ।PARAM ARYAhttps://www.blogger.com/profile/07013544056473438992noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4798331313195034427.post-61421372806031089962010-11-17T01:53:39.179-08:002010-11-17T01:53:39.179-08:00Munde-munde matir bhina... sabkee apni soch hoti h...Munde-munde matir bhina... sabkee apni soch hoti hai.. koi kisi kee soch nahi badal sakta jab tak wah khud iske liye taiyar na ho..<br />vicharniya aalekh achha laga...कविता रावत https://www.blogger.com/profile/17910538120058683581noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4798331313195034427.post-37243386770417254952010-11-17T01:35:20.522-08:002010-11-17T01:35:20.522-08:00अपनी-अपनी सोच है। क्या कहें? आपके आलेख के विचारों ...अपनी-अपनी सोच है। क्या कहें? आपके आलेख के विचारों से सहमत। सोच सही होनी चाहिए। बाक़ी नाम के आगे क्या लगाना हे (उपनाम) वह मायने नहीं रखता। <b>बहुत अच्छी प्रस्तुति। हार्दिक शुभकामनाएं!</b><br /><a href="http://testmanojiofs.blogspot.com/2010/11/blog-post_3699.html" rel="nofollow">विचार-श्री गुरुवे नमः</a>मनोज कुमारhttps://www.blogger.com/profile/08566976083330111264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4798331313195034427.post-1382797171188686682010-11-17T01:33:40.698-08:002010-11-17T01:33:40.698-08:00विचार पुख्ता होने चाहिए ...नाम के आगे जाति लगाने...विचार पुख्ता होने चाहिए ...नाम के आगे जाति लगाने से यह साबित नहीं होता कि हमारी सोच जातीयता के सीमित दायरे में कैद है ...<br /><br />वैसे मैं तो शादी के बाद से जातीय दायरे से ( नाम के आगे जाति सूचक शब्द लगाने से ) बाहर हूँ :):)...संगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4798331313195034427.post-82567080885920399442010-11-17T01:19:48.455-08:002010-11-17T01:19:48.455-08:00विचारणीय आलेख्।विचारणीय आलेख्।vandana guptahttps://www.blogger.com/profile/00019337362157598975noreply@blogger.com