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सोमवार, 29 अक्तूबर 2012

अधूरे सपनों की कसक (21)

             सपने कुछ अपने कुछ औरों के लिए भी होते हैं कभी हम खुद के लिए कुछ देखते हैं लेकिन कभी हमारे सपने देखते तो हम हैं लेकिन वो होते औरों के लिए हैं। एक परमार्थ का सपना - एक सुन्दर सोच का प्रतीक , हो सकता है कि ये आज न पूरा हुआ हो कल पूरा हो जाए . ये कसक ही तो है जिस सपने को पूरा करने का समय अभी ख़त्म नहीं हुआ है उसको अभी देखते रहना है क्योंकि देखने से ही आगे बढ़ने की प्रेरणा शेष रहती है और क्या पता कि उसकी चाहत में इतनी शिद्दत हो कि वह पूरा होकर किसी और के सपनों को साकार करने में सफल हो जाए। ऐसे ही परमार्थ के लिए सपने देखती हुई अपने सपने साझा कर रही हैं स्वप्न मंजूषा  शैल  "अदा " जी .







यूँ तो मेरे सपने, कामो-बेसी पूरे हो चुके हैं, गाने का बहुत शौक था, पूरा हो गया, टी .वी . में काम करने का शौक तो नहीं था लेकिन वो भी पूरा हुआ, हाँ,  रेडियो अनाउन्सर बनने का शौक था, धूम-धाम से वो भी पूरा हुआ, विदेश आने का मन था, पूरा हुआ, यहाँ कुछ बन जाने का सपना था, पूरा हुआ। दिल था बच्चे ढंग से पढाई कर लें, वो भी हो रहा है।

लेकिन अभी भी कुछ सपने ऐसे हैं जिन्हें पूरा नहीं कर पाने की कसक, महसूस कर जाती हूँ । वो शायद इसलिए कि कुछ सपने अपने इख्तियार से बहार होते हैं। पिछले ढाई महीने भारत में रह कर वापिस आई हूँ कनाडा, तब इन सपनों ने कई बार सिर उठाया है।

कहते हैं, बुढ़ापा अपने आप में एक बिमारी है, लेकिन कुछ वर्षों से इसे देख भी रही हूँ और महसूस भी कर रही हूँ। मेरी माँ की उम्र 78 वर्ष है, उसके हाथ-पाँव धीरे-धीरे साथ देना छोड़ रहे हैं लेकिन, उसके मन में सपनों का ताजमहल अभी भी, उतना ही धवल है जितना शायद उसके यौवन में रहा होगा।

मेरा पहला सपना है कि मैं अपने ईलाके के, अधिक से अधिक बुजुर्गों के सपनों को, पूरा करूँ, बल्कि यहाँ कनाडा, ओटावा में भी मैंने गवर्नमेंट को एक प्रोपोजल दिया है, जितने भी ओल्ड ऐज होम हैं, वहां जितने भी बुजुर्ग हैं, उनके जो भी सपने हैं, और जो उनको पूरा करने की इच्छा रखते हैं और अगर वो हमारे इख्तियार में हैं, तो हम उनको ज़रूर पूरा करने की कोशिश करें। जैसे किसी को गाने का शौक था और नहीं गा पाए तो हम उनकी रेकोर्डिंग करें, किन्हीं बुजुर्ग को अगर मौंटीनियरिंग का सपना था और वो नहीं कर पाए तो हम उसे पूरा करें। किसी को फिल्म में अभिनय करने की इच्छा थी, हम उसे भी पूरा करें। मतलब जो भी हम कर सकते हैं अपने बुजुर्गों के लिए हम ज़रूर करें। पिछले न जाने कितने वर्षों से इसमें लगी हुई हूँ, लेकिन अभी तक कुछ कर नहीं पायी हूँ, कभी अपने काम में उलझ जाती हूँ और कभी विदेशों के दौरे पर, लेकिन अब इस सपने को पूरा करने के लिए कुछ ठोस कदम उठा रही हूँ, शायद बहुत जल्द आप लोगों से कुछ साझा भी कर पाऊं।

एक आम आदमी की ज़िन्दगी का सबसे बड़ा सपना होता है अपना घर। मेरा दूसरा सपना है, कम आय वाले परिवारों को, कम लागत के मकान बना कर दिलवाना ...सपना छोटा नहीं है, लेकिन असंभव भी नहीं है, इसके लिए भी काम कर रही हूँ, शायद यह भी पूरा हो जाए।

और तीसरा सपना है राजनीति में जाना।
हो सकता है राजनीति का नाम सुनकर आप लोगों को लगे कि, लो एक और आ गयी देश को बेच खाने के लिए, लेकिन मेरा मकसद सिर्फ और सिर्फ स्वस्थ राजनीति से है, कहने वाले ये भी कहते हैं, राजनीति में अच्छे लोग ठहर ही नहीं सकते, शायद यह सच भी हो, लेकिन अपना काम है कोशिश करना, बिना कोशिश किये हुए किसी भी चीज़ को असंभव कह देना मुझे नहीं पसंद। हो सकता है बदलाव लाने में सफल न भी होऊं मैं, लेकिन बिना कोशिश किये हुए हार मानना मुझे नहीं मंज़ूर। तो मेरे कदम अब बढ़ेंगे राजनीति की ओर ।

बाकी तो जो होगा वो देखा ही जाएगा। तो ये थी मेरे सपनों की फेहरिस्त। जिनके पूरे नहीं होने की कसक ज़रूर उठती है, लेकिन उम्मीद और विश्वास क मरहम इस कसक से कहीं ज्यादा कारगर है। अभी मैंने अपनी जान नहीं लगाई है इन सपनों को पूरा करने में इसलिए, इनके पूरे होने की सम्भावना भी उस नन्ही सी कसक से बहुत बड़ी है। 
मुझे आपलोगों की शुभकामनायें चाहिए। क्यूंकि अगर वो मिल जाए तो फिर इस कसक की कसक तो हम निकाल ही देंगे।
हाँ नहीं तो ...!
धन्यवाद।


8 टिप्‍पणियां:

मुकेश कुमार सिन्हा ने कहा…

aapke sapne udaaan bharen...:)
shubhkamnaayen:)

रविकर ने कहा…

पूरे होंगे अवश्य ही, गति हो सकती धीम ।

सपनों में है जिंदगी, शुभकामना असीम ।

शुभकामना असीम, इंच दर इंच बढ़ेंगे ।

एक एक कर पूर, नए फिर क्षितिज गढ़ेंगे ।

रे मन रख विश्वास, स्वप्न ना रहें अधूरे ।

दृढ़ इच्छा हो साथ, तभी तो होंगे पूरे ।।

रश्मि प्रभा... ने कहा…

मेरी स्नेहिल शुभकामनायें हमेशा हैं, दृढ संकल्प सपनों के लिए खाद होते हैं

प्रतिभा सक्सेना ने कहा…

आपके सपने केवल आपके नहीं और बहुतों के सपने पूर्ण करेंगे, सफल होने की कामना करती हूँ !

Dr.NISHA MAHARANA ने कहा…

bhagwaan kare aapke sare sapne pure hon ...

संगीता पुरी ने कहा…

सुंदर सपना ..
कामना करूंगी कि जल्‍द पूरा हो.

स्वप्न मञ्जूषा ने कहा…

aap sabhi ka dhanywaad...

Saras ने कहा…

वाह अदाजी ...ओल्ड एज होम्स वाली बात बहुत अछि लगी ...बहुत ही सुन्दर नेक कोशिश है ...इश्वर आपकी इक्षा ज़रूर ज़रूर पूरी करे